ETF Investment के फायदे और नुकसान (2025 Guide)

Exchange Traded Fund (ETF) आज के समय में निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। यह Mutual Fund और Stock दोनों की विशेषताओं का मिश्रण है। ETF में आप एक क्लिक में कई कंपनियों, गोल्ड या बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं। लेकिन हर निवेश की तरह इसके भी अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
ETF Investment के फायदे
- Diversification: एक ही ETF में निवेश करके आप कई कंपनियों या सेक्टर्स में एक्सपोज़र पा सकते हैं।
- कम खर्च (Low Cost): ETFs का Expense Ratio काफी कम होता है।
- Transparency: ETF में कौन-कौन से स्टॉक्स हैं, यह स्पष्ट रूप से बताया जाता है।
- Real-Time Trading: ETF को स्टॉक एक्सचेंज पर किसी भी समय खरीदा-बेचा जा सकता है।
- विभिन्न विकल्प: Index ETF, Gold ETF, Sectoral ETF, Debt ETF आदि कई प्रकार उपलब्ध हैं।
ETF Investment के नुकसान
- Liquidity Risk: कुछ ETFs में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने की वजह से खरीद-बिक्री मुश्किल हो सकती है।
- Tracking Error: ETF हमेशा Index की सही परफॉर्मेंस नहीं दे पाता।
- Market Risk: ETF उसी एसेट की परफॉर्मेंस पर निर्भर होता है जिसे वह ट्रैक करता है।
- Demat Account की जरूरत: ETF खरीदने के लिए Demat और Trading Account होना अनिवार्य है।
ETF कब चुनें?
- अगर आप Low Cost Investment चाहते हैं।
- अगर आप Diversification चाहते हैं।
- अगर आपको Stock जैसा Real-Time Trading पसंद है।
- अगर आप Passive Investment Strategy अपनाना चाहते हैं।
निष्कर्ष
ETF Investment उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जो कम खर्च में Diversified और Transparent निवेश चाहते हैं। 2025 में निवेशक अपनी Risk Profile और Financial Goals के अनुसार ETF को अपने Portfolio में शामिल कर सकते हैं।
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